ख़ूँ बहाने के हैं हज़ार तरीक़
रंग लाने के हैं हज़ार तरीक़
काबा-ओ-दैर पर नहीं मौक़ूफ़
उस यगाने के हैं हज़ार तरीक़
कोई मज़हब नहीं ज़माने का
इस पुराने के हैं हज़ार तरीक़
उज़्र-ए-मस्ती ओ मय-परस्ती क्या
भूल जाने के हैं हज़ार तरीक़
दिल-सितानी के सैकड़ों अंदाज़
दिल सताने के हैं हज़ार तरीक़
याद में ख़्वाब में तसव्वुर में
आ कि आने के हैं हज़ार तरीक़
दिल-लगी दिल-दही दिल-आरामी
दिल लुभाने के हैं हज़ार तरीक़
दिल मुशब्बक हुआ तो फ़रमाया
आने जाने के हैं हज़ार तरीक़
किस तरीक़े से हो निबाह 'बयाँ'
कि ज़माने के हैं हज़ार तरीक़
ग़ज़ल
ख़ूँ बहाने के हैं हज़ार तरीक़
बयान मेरठी