जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह
वो हमें भूल गए एक कहानी की तरह
दोस्तो ढूँड के हम सा कोई प्यासा लाओ
हम तो आँसू भी जो पीते हैं तो पानी की तरह
ग़म को सीने में छुपाए हुए रखना यारो
ग़म महकते हैं बहुत रात की रानी की तरह
तुम हमारे थे तुम्हें याद नहीं है शायद
दिन गुज़रते हैं बरसते हुए पानी की तरह
आज जो लोग तिरे ग़म पे हँसे हैं 'वाली'
कल तुझे याद करेंगे वही 'फ़ानी' की तरह

ग़ज़ल
जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह
वाली आसी