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जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह | शाही शायरी
jin ki yaaden hain abhi dil mein nishani ki tarah

ग़ज़ल

जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह

वाली आसी

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जिन की यादें हैं अभी दिल में निशानी की तरह
वो हमें भूल गए एक कहानी की तरह

दोस्तो ढूँड के हम सा कोई प्यासा लाओ
हम तो आँसू भी जो पीते हैं तो पानी की तरह

ग़म को सीने में छुपाए हुए रखना यारो
ग़म महकते हैं बहुत रात की रानी की तरह

तुम हमारे थे तुम्हें याद नहीं है शायद
दिन गुज़रते हैं बरसते हुए पानी की तरह

आज जो लोग तिरे ग़म पे हँसे हैं 'वाली'
कल तुझे याद करेंगे वही 'फ़ानी' की तरह