इस से पहले कि बिछड़ जाएँ हम
दो-क़दम और मिरे साथ चलो
अभी देखा नहीं जी-भर के तुम्हें
अभी कुछ देर मिरे पास रहो
मुझ सा फिर कोई न आएगा यहाँ
रोक लो मुझ को अगर रोक सको
यूँ न गुज़रेगी शब-ए-ग़म 'नासिर'
उस की आँखों की कहानी छेड़ो
ग़ज़ल
इस से पहले कि बिछड़ जाएँ हम
नासिर काज़मी