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हम कोई नादान नहीं कि बच्चों की सी बात करें | शाही शायरी
hum koi nadan nahin ki bachchon ki si baat karen

ग़ज़ल

हम कोई नादान नहीं कि बच्चों की सी बात करें

अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा

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हम कोई नादान नहीं कि बच्चों की सी बात करें
जीना कोई खेल नहीं है बैठो तुक की बात करें

शिव तो नहीं हम फिर भी हम ने दुनिया भर के ज़हर पिए
इतनी कड़वाहट है मुँह में कैसे मीठी बात करें

हम ने सब को मुफ़्लिस पा के तोड़ दिया दिल का कश्कोल
हम को कोई क्या दे देगा क्यूँ मुँह-देखी बात करें

हम ने कब ये गुर सीखा हम ठहरे सीधे-सादे लोग
जिस की जैसी फ़ितरत देखें उस से वैसी बात करें