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दिल में अब आवाज़ कहाँ है | शाही शायरी
dil mein ab aawaz kahan hai

ग़ज़ल

दिल में अब आवाज़ कहाँ है

माहिर-उल क़ादरी

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दिल में अब आवाज़ कहाँ है
टूट गया तो साज़ कहाँ है

आँख में आँसू लब पे ख़मोशी
दिल की बात अब राज़ कहाँ है

सर्व-ओ-सनोबर सब को देखा
उन का सा अंदाज़ कहाँ है

दिल ख़्वाबीदा रूह फ़सुर्दा
वो जोश-ए-आग़ाज़ कहाँ है

पर्दा भी जल्वा बन जाता
आँख तजल्ली-साज़ कहाँ है

बुत-ख़ाने का अज़्म है 'माहिर'
का'बे का दर बाज़ कहाँ है