दिल का सुकून आँख का तारा किसे कहें 
ये सोचना पड़ा है कि अपना किसे कहें 
ये शोर-ए-इंक़लाब ये नाक़ूस ये अज़ाँ 
हंगामा कौन सा है तमाशा किसे कहें 
रहबानियत का जिस्म से फ़सताइयत की रूह 
किस को रफ़ीक़ ख़ून का प्यासा किसे कहें 
सब मिलते-जुलते चेहरे हैं दुश्मन भी दोस्त भी 
क़ातिल किसे बताएँ मसीहा किसे कहें 
हर ज़र्रा-ए-हक़ीर है हम-दोश मेहर-ओ-माह 
इस पत्थरों के ढेर में हीरा किसे कहें 
इतना शुऊ'र दे हमें ख़ल्लाक़ ख़ैर-ओ-शर 
ख़ार-अो-ज़बूँ है कौन फ़रिश्ता किसे कहें 
मिलना था जो नसीब से वो मिल गया 'ज़िया' 
हसरत किसे बताएँ तमन्ना किसे कहें
        ग़ज़ल
दिल का सुकून आँख का तारा किसे कहें
बख़्तियार ज़िया

