EN اردو
असर उस को ज़रा नहीं होता | शाही शायरी
asar usko zara nahin hota

ग़ज़ल

असर उस को ज़रा नहीं होता

मोमिन ख़ाँ मोमिन

;

असर उस को ज़रा नहीं होता
रंज राहत-फ़ज़ा नहीं होता

she remains unmoved and hard to please
my pain persists, does not provide release

बेवफ़ा कहने की शिकायत है
तो भी वादा-वफ़ा नहीं होता

she objects being labelled faithless still
not a single vow does she fulfil

ज़िक्र-ए-अग़्यार से हुआ मालूम
हर्फ़-ए-नासेह बुरा नहीं होता

mention of my rivals made me know
the preacher's word isn't harsh somehow

किस को है ज़ौक़-ए-तल्ख़-कामी लेक
जंग बिन कुछ मज़ा नहीं होता

.....................................................................
.....................................................................

तुम हमारे किसी तरह न हुए
वर्ना दुनिया में क्या नहीं होता

your love by any means I could not gain
Or else in life what would not one attain

उस ने क्या जाने क्या किया ले कर
दिल किसी काम का नहीं होता

I wonder why she took my heart away
it is of no avail I've heard them say

इम्तिहाँ कीजिए मिरा जब तक
शौक़ ज़ोर-आज़मा नहीं होता

.....................................................................
.....................................................................

एक दुश्मन कि चर्ख़ है न रहे
तुझ से ये ऐ दुआ नहीं होता

that heavens be my enemy no more
this task, prayers, you cannot ensure

आह तूल-ए-अमल है रोज़-फ़ुज़ूँ
गरचे इक मुद्दआ नहीं होता

my efforts daily multiply and yet
the only thing I want I do not get

तुम मिरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता

in such a manner are you close to me
when no one else at all there ever be

हाल-ए-दिल यार को लिखूँ क्यूँकर
हाथ दिल से जुदा नहीं होता

to her, how do I write my state of heart
from my heart my hand just cannot part

रहम बर-ख़स्म-ए-जान-ए-ग़ैर न हो
सब का दिल एक सा नहीं होता

......................................................................
.......................................................................

दामन उस का जो है दराज़ तो हो
दस्त-ए-आशिक़ रसा नहीं होता

she may be generous, still it is in vain
a lover's hand does not ever attain

चारा-ए-दिल सिवाए सब्र नहीं
सो तुम्हारे सिवा नहीं होता

no cure, save patience, can there ever be
and that, without you, will not come to me

क्यूँ सुने अर्ज़-ए-मुज़्तर ऐ 'मोमिन'
सनम आख़िर ख़ुदा नहीं होता

Momin distressed pleas, why will she heed
a paramour she is, not God indeed