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ऐसे बीमार की दवा क्या है | शाही शायरी
aise bimar ki dawa kya hai

ग़ज़ल

ऐसे बीमार की दवा क्या है

रिफ़अत ज़मानी बेगम इस्मत

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ऐसे बीमार की दवा क्या है
जो बताता नहीं हुआ क्या है

कौन सुनता है इस ज़माने में
किस से कहिए कि इल्तिजा क्या है

लब-ए-बीमार थरथराते हैं
झुक के सुनिए ज़रा दुआ क्या है

मुझ को जो देखता है रोता है
कोई क्या जाने माजरा क्या है

हज़रत-ए-ख़िज़्र भी बता न सके
ज़िंदगानी का मुद्दआ' क्या है

दर्द पर दूसरों के हंस देना
ये भी अच्छा है तो बुरा क्या है

फ़ख़्र-ए-ख़ातून-ए-हिन्द है 'इस्मत'
हम से पूछे कोई वफ़ा क्या है