EN اردو
ऐ दीदा ख़ानुमाँ तू हमारा डुबो सका | शाही शायरी
ai dida KHanuman tu hamara Dubo saka

ग़ज़ल

ऐ दीदा ख़ानुमाँ तू हमारा डुबो सका

मोहम्मद रफ़ी सौदा

;

ऐ दीदा ख़ानुमाँ तू हमारा डुबो सका
लेकिन ग़ुबार यार के दिल से न धो सका

तुझ हुस्न ने दिया न कभू मुफ़्सिदी को चैन
फ़ित्ना न तेरे दौर में फिर नींद सो सका

जो शम्अ-तन हुआ शब-ए-हिज्राँ में सर्फ़-ए-अश्क
पर जिस क़दर मैं चाहे था उतना न रो सका

'सौदा' क़िमार-ए-इश्क़ में शीरीं से कोहकन
बाज़ी अगरचे पा न सका सर तो खो सका

किस मुँह से फिर तू आप को कहता है इश्क़-बाज़
ऐ रू-सियाह तुझ से तो ये भी न हो सका