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अदा-ए-दिल-फ़रेब-ए-सर्व-क़ामत | शाही शायरी
ada-e-dil-fareb-e-sarw-qamat

ग़ज़ल

अदा-ए-दिल-फ़रेब-ए-सर्व-क़ामत

सिराज औरंगाबादी

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अदा-ए-दिल-फ़रेब-ए-सर्व-क़ामत
क़यामत है क़यामत है क़यामत

शहीद-ए-ख़ंजर-ए-उल्फ़त मुआ नहीं
सलामत है सलामत है सलामत

न करना जी कूँ क़ुर्बां तुझ क़दम पर
नदामत है नदामत है नदामत

जमाअत में परी-रूयों की तुझ कूँ
इमामत है इमामत है इमामत

'सिराज' अब ऐश के गुलशन का पानी
मलामत है मलामत है मलामत