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आप के तग़ाफ़ुल का सिलसिला पुराना है | शाही शायरी
aap ke taghaful ka silsila purana hai

ग़ज़ल

आप के तग़ाफ़ुल का सिलसिला पुराना है

हिना तैमूरी

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आप के तग़ाफ़ुल का सिलसिला पुराना है
उस तरफ़ निगाहें हैं इस तरफ़ निशाना है

मंज़िलों की बातें तो मंज़िलों पे कर लेंगे
हम को तो चटानों में रास्ता बनाना है

तुम भी डूबे डूबे थे मैं भी खोई खोई थी
वो भी क्या ज़माना था ये भी क्या ज़माना है

फ़ासला बढ़ाने से क्या मिला ज़माने को
तब भी आना जाना था अब भी आना जाना है