जो ये हिन्दोस्ताँ नहीं होता
तो ये उर्दू ज़बाँ नहीं होती
अब्दुल सलाम
वो करे बात तो हर लफ़्ज़ से ख़ुश्बू आए
ऐसी बोली वही बोले जिसे उर्दू आए
अहमद वसी
टैग:
| उर्दू |
| 2 लाइन शायरी |
डाल दे जान मआ'नी में वो उर्दू ये है
करवटें लेने लगे तब्अ वो पहलू ये है
अकबर इलाहाबादी
टैग:
| उर्दू |
| 2 लाइन शायरी |
शहद-ओ-शकर से शीरीं उर्दू ज़बाँ हमारी
होती है जिस के बोले मीठी ज़बाँ हमारी
अल्ताफ़ हुसैन हाली
टैग:
| उर्दू |
| 2 लाइन शायरी |
'मुल्ला' बना दिया है इसे भी महाज़-ए-जंग
इक सुल्ह का पयाम थी उर्दू ज़बाँ कभी
आनंद नारायण मुल्ला
टैग:
| उर्दू |
| 2 लाइन शायरी |
जो दिल बाँधे वो जादू जानता है
मिरा महबूब उर्दू जानता है
अनीस देहलवी
टैग:
| उर्दू |
| 2 लाइन शायरी |
हाँ मुझे उर्दू है पंजाबी से भी बढ़ कर अज़ीज़
शुक्र है 'अनवर' मिरी सोचें इलाक़ाई नहीं
अनवर मसूद
टैग:
| उर्दू |
| 2 लाइन शायरी |