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रंग शायरी | शाही शायरी

रंग

9 शेर

रंग दरकार थे हम को तिरी ख़ामोशी के
एक आवाज़ की तस्वीर बनानी थी हमें

नाज़िर वहीद




हज़ार रंग-ब-दामाँ सही मगर दुनिया
बस एक सिलसिला-ए-एतिबार है, क्या है

निकहत बरेलवी