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नींद शायरी | शाही शायरी

नींद

36 शेर

तन्हाई से आती नहीं दिन रात मुझे नींद
या-रब मिरा हम-ख़्वाब ओ हम-आग़ोश कहाँ है

शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम