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अव्यवस्थित शब्द शायरी | शाही शायरी

अव्यवस्थित शब्द

19 शेर

ख़्वाब का क्या है रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ
रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ ख़्वाब का क्या है

दानियाल तरीर




ख़्वाब का क्या है रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ
रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ ख़्वाब का क्या है

दानियाल तरीर




भरवा देना मिरे कासे को
मिरे कासे को भरवा देना

हम्माद नियाज़ी




कर बुरा तो भला नहीं होता
कर भला तो बुरा नहीं होता

इब्न-ए-मुफ़्ती




अच्छा अच्छा हो जाएगा सब कुछ अच्छा
अच्छा अच्छा सब कुछ अच्छा हो जाएगा

इमरान शमशाद




एक बार फिर सलाम दूर जाने वालों को
दूर जाने वालों को एक बार फिर सलाम

इमरान शमशाद




अब नहीं मिलेंगे हम कूचा-ए-तमन्ना में
कूचा-ए-तमन्ना में अब नहीं मिलेंगे हम

जौन एलिया