मकाँ से होगा कभी ला-मकान से होगा
मिरा ये म'अरका दोनों जहान से होगा
तैमूर हसन
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मिरी तवज्जोह फ़क़त मिरे काम पर रहेगी
मैं ख़ुद को साबित करूँगा दावा नहीं करूँगा
तैमूर हसन
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फिर जो करने लगा है तू व'अदा
क्या मुकरने का फिर इरादा है
तैमूर हसन
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फिर जो करने लगा है तू व'अदा
क्या मुकरने का फिर इरादा है
तैमूर हसन
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सफ़र में होती है पहचान कौन कैसा है
ये आरज़ू थी मिरे साथ तू सफ़र करता
तैमूर हसन
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सूरज के उस जानिब बसने वाले लोग
अक्सर हम को पास बुलाया करते हैं
तैमूर हसन
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सूरज के उस जानिब बसने वाले लोग
अक्सर हम को पास बुलाया करते हैं
तैमूर हसन
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