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शाद आरफ़ी शायरी | शाही शायरी

शाद आरफ़ी शेर

11 शेर

शैख़ पर हाथ उठाने के नहीं हम क़ाएल
हाथ उठाने की जो ठानी है तो बातिल से उठा

शाद आरफ़ी




तुम सलामत रहो क़यामत तक
और क़यामत कभी न आए 'शाद'

शाद आरफ़ी