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साहिर होशियारपुरी शायरी | शाही शायरी

साहिर होशियारपुरी शेर

13 शेर

कौन कहता है मोहब्बत की ज़बाँ होती है
ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

साहिर होशियारपुरी




फिर किसी बेवफ़ा की याद आई
फिर किसी ने लिया वफ़ा का नाम

साहिर होशियारपुरी




तुम न तौबा करो जफ़ाओं से
हम वफ़ाओं से तौबा करते हैं

साहिर होशियारपुरी




वो और होंगे पी के जो सरशार हो गए
हर जाम से हमें तो नई तिश्नगी मिली

साहिर होशियारपुरी