असीरी में बहार आई है फ़रियाद-ओ-फ़ुग़ाँ कर लें
नफ़स को ख़ूँ-फ़िशाँ कर लें क़फ़स को बोस्ताँ कर लें
नज़्म तबा-तबाई
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असीरी में बहार आई है फ़रियाद-ओ-फ़ुग़ाँ कर लें
नफ़स को ख़ूँ-फ़िशाँ कर लें क़फ़स को बोस्ताँ कर लें
नज़्म तबा-तबाई