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नरेश कुमार शाद शायरी | शाही शायरी

नरेश कुमार शाद शेर

13 शेर

तूफ़ान-ए-ग़म की तुंद हवाओं के बावजूद
इक शम-ए-आरज़ू है जो अब तक बुझी नहीं

नरेश कुमार शाद




ये सोच कर भी हँस न सके हम शिकस्ता-दिल
यारान-ए-ग़म-गुसार का दिल टूट जाएगा

नरेश कुमार शाद




ज़िंदगी नाम है जुदाई का
आप आए तो मुझ को याद आया

I was reminded when you came
that life and parting are the same

नरेश कुमार शाद




ज़िंदगी से तो ख़ैर शिकवा था
मुद्दतों मौत ने भी तरसाया

नरेश कुमार शाद