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गुलज़ार शायरी | शाही शायरी

गुलज़ार शेर

49 शेर

जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है

गुलज़ार




जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है

गुलज़ार




काँच के पार तिरे हाथ नज़र आते हैं
काश ख़ुशबू की तरह रंग हिना का होता

गुलज़ार




कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आँख में हम को भी इंतिज़ार दिखे

गुलज़ार