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भारतेंदु हरिश्चंद्र शायरी | शाही शायरी

भारतेंदु हरिश्चंद्र शेर

20 शेर

ऐ 'रसा' जैसा है बरगश्ता ज़माना हम से
ऐसा बरगश्ता किसी का न मुक़द्दर होगा

भारतेंदु हरिश्चंद्र




अभी तो आए हो जल्दी कहाँ है जाने की
उठो न पहलू से ठहरो ज़रा किधर को चले

भारतेंदु हरिश्चंद्र