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आनंद नारायण मुल्ला शायरी | शाही शायरी

आनंद नारायण मुल्ला शेर

40 शेर

इश्क़ करता है तो फिर इश्क़ की तौहीन न कर
या तो बेहोश न हो हो तो न फिर होश में आ

आनंद नारायण मुल्ला




इश्क़ करता है तो फिर इश्क़ की तौहीन न कर
या तो बेहोश न हो, हो तो न फिर होश में आ

आनंद नारायण मुल्ला




इश्क़ में वो भी एक वक़्त है जब
बे-गुनाही गुनाह है प्यारे

आनंद नारायण मुल्ला




जिस के ख़याल में हूँ गुम उस को भी कुछ ख़याल है
मेरे लिए यही सवाल सब से बड़ा सवाल है

आनंद नारायण मुल्ला