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अल्लामा इक़बाल शायरी | शाही शायरी

अल्लामा इक़बाल शेर

118 शेर

ज़िंदगानी की हक़ीक़त कोहकन के दिल से पूछ
जू-ए-शीर ओ तेशा ओ संग-ए-गिराँ है ज़िंदगी

अल्लामा इक़बाल