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आफ़ताब हुसैन शायरी | शाही शायरी

आफ़ताब हुसैन शेर

39 शेर

हुस्न वालों में कोई ऐसा हो
जो मुझे मुझ से चुरा कर ले जाए

आफ़ताब हुसैन




जो कुछ निगाह में है हक़ीक़त में वो नहीं
जो तेरे सामने है तमाशा कुछ और है

आफ़ताब हुसैन




कब भटक जाए 'आफ़्ताब' हुसैन
आदमी का कोई भरोसा नहीं

आफ़ताब हुसैन