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Tanz शायरी | शाही शायरी

Tanz

22 शेर

दिल ख़ुश हुआ है मस्जिद-ए-वीराँ को देख कर
मेरी तरह ख़ुदा का भी ख़ाना ख़राब है

seeing the mosque deserted was to me a source of glee
his house too was desolate, just the same as me

अब्दुल हमीद अदम




सुना ये है बना करते हैं जोड़े आसमानों पर
तो ये समझें कि हर बीवी बला-ए-आसमानी है

अहमद अल्वी




आशिक़ी का हो बुरा उस ने बिगाड़े सारे काम
हम तो ए.बी में रहे अग़्यार बी.ए हो गए

अकबर इलाहाबादी




हम ऐसी कुल किताबें क़ाबिल-ए-ज़ब्ती समझते हैं
कि जिन को पढ़ के लड़के बाप को ख़ब्ती समझते हैं

we do deem all those books fit for confiscation
that sons read and think their fathe

अकबर इलाहाबादी




हम क्या कहें अहबाब क्या कार-ए-नुमायाँ कर गए
बी-ए हुए नौकर हुए पेंशन मिली फिर मर गए

अकबर इलाहाबादी




हुए इस क़दर मोहज़्ज़ब कभी घर का मुँह न देखा
कटी उम्र होटलों में मरे अस्पताल जा कर

stayed away from home, on being so gentrified
spent ones life in hotels, in hospitals then died

अकबर इलाहाबादी




लीडरों की धूम है और फॉलोवर कोई नहीं
सब तो जेनरेल हैं यहाँ आख़िर सिपाही कौन है

अकबर इलाहाबादी