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हिंदुस्तान शायरी | शाही शायरी

हिंदुस्तान

4 शेर

जो ये हिन्दोस्ताँ नहीं होता
तो ये उर्दू ज़बाँ नहीं होती

अब्दुल सलाम




सर-ज़मीन-ए-हिंद पर अक़्वाम-ए-आलम के 'फ़िराक़'
क़ाफ़िले बसते गए हिन्दोस्ताँ बनता गया

फ़िराक़ गोरखपुरी




इलाही एक दिल किस किस को दूँ मैं
हज़ारों बुत हैं याँ हिन्दोस्तान है

हैदर अली आतिश




क्या पूछते हो नाम-ओ-निशान-ए-मुसाफ़िराँ
हिन्दोस्ताँ में आए हैं हिन्दोस्तान के थे

जौन एलिया