गो फ़रामोशी की तकमील हुआ चाहती है
फिर भी कह दो कि हमें याद वो आया न करे
अबरार अहमद
हम फ़रामोश की फ़रामोशी
और तुम याद उम्र भर भूले
मिर्ज़ा अज़फ़री
हिचकियाँ आती हैं पर लेते नहीं वो मेरा नाम
देखना उन की फ़रामोशी को मेरी याद को
सख़ी लख़नवी
3 शेर
गो फ़रामोशी की तकमील हुआ चाहती है
फिर भी कह दो कि हमें याद वो आया न करे
अबरार अहमद
हम फ़रामोश की फ़रामोशी
और तुम याद उम्र भर भूले
मिर्ज़ा अज़फ़री
हिचकियाँ आती हैं पर लेते नहीं वो मेरा नाम
देखना उन की फ़रामोशी को मेरी याद को
सख़ी लख़नवी