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सुरूर बाराबंकवी शायरी | शाही शायरी

सुरूर बाराबंकवी शेर

2 शेर

हम लोग न उलझे हैं न उलझेंगे किसी से
हम को तो हमारा ही गरेबान बहुत है

सुरूर बाराबंकवी




जिन से मिल कर ज़िंदगी से इश्क़ हो जाए वो लोग
आप ने शायद न देखे हों मगर ऐसे भी हैं

सुरूर बाराबंकवी