बहुत तवील शब-ए-ग़म है क्या किया जाए
उमीद-ए-सुब्ह बहुत कम है क्या किया जाए
शमीम जयपुरी
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दुनिया है कि गोशा-ए-जहन्नम
हर वक़्त अज़ाब-ए-इलाही तौबा
शमीम जयपुरी
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मिरी ख़ुशी से मिरे दोस्तों को ग़म है 'शमीम'
मुझे भी इस का बहुत ग़म है क्या किया जाए
शमीम जयपुरी
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