कोई लहजा कोई जुमला कोई चेहरा निकल आया
पुराने ताक़ के सामान से क्या क्या निकल आया
शाहिद लतीफ़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |
रात ही के दामन में चाँद भी हैं तारे भी
रात ही की क़िस्मत है बे-चराग़ होना भी
शाहिद लतीफ़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
शरीफ़ लोग कहाँ जाएँ क्या करें आख़िर
ज़मीं चीख़ती फिरती है आसमाँ चुप-चाप
शाहिद लतीफ़
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
| 2 लाइन शायरी |