अब मुझ को रुख़्सत होना है अब मेरा हार-सिंघार करो 
क्यूँ देर लगाती हो सखियो जल्दी से मुझे तय्यार करो
शबनम शकील
    टैग: 
            | बिदाई   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                चलते रहे तो कौन सा अपना कमाल था 
ये वो सफ़र था जिस में ठहरना मुहाल था
शबनम शकील
    टैग: 
            | 2 लाइन शायरी   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                
