EN اردو
शबाब ललित शायरी | शाही शायरी

शबाब ललित शेर

1 शेर

दूर तक फैला हुआ पानी ही पानी हर तरफ़
अब के बादल ने बहुत की मेहरबानी हर तरफ़

शबाब ललित