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सलीम साग़र शायरी | शाही शायरी

सलीम साग़र शेर

1 शेर

मैं रोऊँ तो दर-ओ-दीवार मुझ पर हँसने लगते हैं
हँसूँ तो मेरे अंदर जाने क्या क्या टूट जाता है

सलीम साग़र