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साहिबा शहरयार शायरी | शाही शायरी

साहिबा शहरयार शेर

1 शेर

बंद आँखें करूँ और ख़्वाब तुम्हारे देखूँ
तपती गर्मी में भी वादी के नज़ारे देखूँ

साहिबा शहरयार