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सईद अख़्तर शायरी | शाही शायरी

सईद अख़्तर शेर

2 शेर

किस के हाथों में हैं पत्थर कौन ख़ाली हाथ है
ये समझने के लिए शीशा सा बन कर देखना

सईद अख़्तर




यक़ीं उठ जाए अपने दस्त-ओ-पा से
उसी का नाम लोगो ख़ुद-कुशी है

सईद अख़्तर