आँखों से वो कभी मिरी ओझल नहीं रहा
ग़ाफ़िल मैं उस की याद से इक पल नहीं रहा
सअादत सईद
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आँखों से वो कभी मिरी ओझल नहीं रहा
ग़ाफ़िल मैं उस की याद से इक पल नहीं रहा
सअादत सईद