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रहमान फ़ारिस शायरी | शाही शायरी

रहमान फ़ारिस शेर

2 शेर

कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई
कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए

रहमान फ़ारिस




तेरे बिन घड़ियाँ गिनी हैं रात दिन
नौ बरस ग्यारह महीने सात दिन

रहमान फ़ारिस