इक सहीफ़ा नया उतरा है सुना है लोगो
मारना दोस्त का भी जिस में रवा है लोगो
रज़िया फ़सीह अहमद
टैग:
| औरत |
| 2 लाइन शायरी |
इक सहीफ़ा नया उतरा है सुना है लोगो
मारना दोस्त का भी जिस में रवा है लोगो
रज़िया फ़सीह अहमद
जिस को तुम कहते हो ख़ुश-बख़्त सदा है मज़लूम
जीना हर दौर में औरत का ख़ता है लोगो
रज़िया फ़सीह अहमद
टैग:
| औरत |
| 2 लाइन शायरी |