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रज़िया फ़सीह अहमद शायरी | शाही शायरी

रज़िया फ़सीह अहमद शेर

3 शेर

इक सहीफ़ा नया उतरा है सुना है लोगो
मारना दोस्त का भी जिस में रवा है लोगो

रज़िया फ़सीह अहमद




इक सहीफ़ा नया उतरा है सुना है लोगो
मारना दोस्त का भी जिस में रवा है लोगो

रज़िया फ़सीह अहमद




जिस को तुम कहते हो ख़ुश-बख़्त सदा है मज़लूम
जीना हर दौर में औरत का ख़ता है लोगो

रज़िया फ़सीह अहमद