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राशिद कामिल शायरी | शाही शायरी

राशिद कामिल शेर

1 शेर

दर्द की हद से गुज़रना तो अभी बाक़ी है
टूट कर मेरा बिखरना तो अभी बाक़ी है

राशिद कामिल