अब तक भी मेरे होश ठिकाने नहीं हुए
'सालिक' का हाल रात को ऐसा सुना कि बस
क़ुर्बान अली सालिक बेग
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दिल वो काफ़िर है कि मुझ को न दिया चैन कभी
बेवफ़ा तू भी इसे ले के पशेमाँ होगा
क़ुर्बान अली सालिक बेग
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सय्याद और क़ैद-ए-क़फ़स से करे रहा
झूटी ख़बर किसी की उड़ाई हुई सी है
क़ुर्बान अली सालिक बेग
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तंग-दस्ती अगर न हो 'सालिक'
तंदुरुस्ती हज़ार नेमत है
क़ुर्बान अली सालिक बेग
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