चलते चलते अक्सर रुक कर सोचा भी
क्या मंज़िल पर याद रहेगा रस्ता भी
पूजा भाटिया
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एक इसी बात का था डर उस को
मुझ में इंकार की भी हिम्मत थी
पूजा भाटिया
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क़त्ल करना तो इस को ठीक नहीं
इश्क़ की मौत हादसे में हो
पूजा भाटिया
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उस की बेचैनी बढ़ाना चाहती हूँ
सुनिए कह कर चुप लगाना चाहती हूँ
पूजा भाटिया
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वो जो पहला था अपना इश्क़ वही
आख़िरी वारदात थी दिल की
पूजा भाटिया
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वो किस का है इस से क्या लेना देना
बाज़ दफ़ा काफ़ी है उस का होना भी
पूजा भाटिया
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