लगा जब यूँ कि उकताने लगा है दिल उजालों से 
उसे महफ़िल से उस की अलविदा'अ कह कर निकल आए
परविंदर शोख़
    टैग: 
            | बिदाई   |
            | 2 लाइन शायरी   |
    
                 
                1 शेर
लगा जब यूँ कि उकताने लगा है दिल उजालों से 
उसे महफ़िल से उस की अलविदा'अ कह कर निकल आए
परविंदर शोख़