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नाज़िर सिद्दीक़ी शायरी | शाही शायरी

नाज़िर सिद्दीक़ी शेर

1 शेर

पसीना मेरी मेहनत का मिरे माथे पे रौशन था
चमक लाल-ओ-जवाहर की मिरी ठोकर पे रक्खी थी

नाज़िर सिद्दीक़ी