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नसीम निकहत शायरी | शाही शायरी

नसीम निकहत शेर

4 शेर

अपने चेहरे को बदलना तो बहुत मुश्किल है
दिल बहल जाएगा आईना बदल कर देखो

नसीम निकहत




बंजारे हैं रिश्तों की तिजारत नहीं करते
हम लोग दिखावे की मोहब्बत नहीं करते

नसीम निकहत




माना कि मैं हज़ार फ़सीलों में क़ैद हूँ
लेकिन कभी ख़ुलूस से मुझ को बुला के देख

नसीम निकहत




मुझ को ये दर-ब-दरी तू ने ही बख़्शी है मगर
जब चली घर से तो मैं नाम तिरा ले के चली

नसीम निकहत