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नईम अख़्तर ख़ादिमी शायरी | शाही शायरी

नईम अख़्तर ख़ादिमी शेर

1 शेर

वो जितनी ख़ुद-नुमाई कर रहा है
ख़ुद अपनी जग-हँसाई कर रहा है

नईम अख़्तर ख़ादिमी