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मोहसिन शैख़ शायरी | शाही शायरी

मोहसिन शैख़ शेर

1 शेर

बंद आँखें जब खुलीं तो रौशनी पहचान ली
बे-ख़बर हम हों तो हों पर बे-बसर इतने न थे

मोहसिन शैख़