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मोहम्मद तन्वीरुज़्ज़मां शायरी | शाही शायरी

मोहम्मद तन्वीरुज़्ज़मां शेर

2 शेर

जब तुम्हारी आरज़ू बाक़ी नहीं
दिल धड़कता है न जाने के लिए

मोहम्मद तन्वीरुज़्ज़मां




सच बता इश्क़ मुझे सख़्त परेशाँ हूँ मैं
क्यूँ ख़फ़ा होता नहीं दोस्त ख़ता पर मेरी

मोहम्मद तन्वीरुज़्ज़मां