दिलों से दर्द दुआ से असर निकलता है
ये किस बहिश्त की जानिब बशर निकलता है
मोहम्मद मुख़तार अली
टैग:
| 2 लाइन शायरी |
मियाँ ये चादर-ए-शोहरत तुम अपने पास रखो
कि इस से पाँव जो ढाँपें तो सर निकलता है
मोहम्मद मुख़तार अली
टैग:
| Shohrat |
| 2 लाइन शायरी |