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मिर्ज़ा अज़ीम बेग 'अज़ीम' शायरी | शाही शायरी

मिर्ज़ा अज़ीम बेग 'अज़ीम' शेर

1 शेर

शह-ज़ोर अपने ज़ोर में गिरता है मिस्ल-ए-बर्क़
वो तिफ़्ल क्या गिरेगा जो घुटनों के बल चले

मिर्ज़ा अज़ीम बेग 'अज़ीम'